नागरिकता संशोधन बिल को मोदी सरकार ने लोकसभा में तो आसानी से पास करा लिया लेकिन राज्यसभा में इसके पास होने की राह मुश्किल हो सकती है। केंद्र में बने ताजा हालातों के मद्देनज़र शिवसेना या तो बिल के खिलाफ वोट देगी या फिर सदन से वाकआउट करने का सोच सकती है। नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आई थी क्योंकि लोकसभा में तब जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों ने बिल के पक्ष में वोट दिया था । लेकिन आज राज्यसभा में सरकार के पक्ष का अंक गणित गड़बड़ा सकता है। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जेडीयू में भी दोफाड़ हो गया है। जेडीयू के दो बड़े नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा ने पार्टी के विपरीत जाकर इस बिल का विरोध किया है। वहीँ शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के दबाव के आगे झुकते हुए राज्यसभा में बिल को समर्थन देने के लिए सरकार के आगे शर्त रखकर फिलहाल मोदी-शाह की मुसीबत बढ़ा दी है।